abhiwrites

Add To collaction

अनकहे अल्फाज –३२

आनन फानन में खींची जो तस्वीर तुम्हारी थी!

ताज़ा गुस्से में जो तुम मुस्काई, देखो कैसी होशियारी थी!
जल्दी जल्दी ,जाते जाते जो भूली इस बारी थी!
प्रेम भरी इन बाहों को प्रेम देना आपकी जिम्मेदारी थी!

#Abhiwrites❣

   8
1 Comments